नासा ने अपना पार्कर सोल प्रोब अंतरिक्ष यान 12 अगस्त 2018 को लॉन्च किया था। यह नासा के 'लिविंग विद अ स्टार' कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके जरिए एजेंसी ने सूर्य-पृथ्वी के बीच के सिस्टम के अलग-अलग पहलुओं को समझने और इससे जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है।
नासा का अविश्वसनीय छलांग नासा के वैज्ञानिकों ने निश्चित तौर पर इस मिशन को अंजाम देकर सौर विज्ञान के क्षेत्र में अविश्वसनीय छलांग लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्कर सोलर प्रोब नामक रॉकेटशिप ने 28 अप्रैल को सूर्य के ऊपरी वायुमंडल, जिसे कोरोना कहा जाता है,
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि नासा ने असंभव से लगने वाले मिशन को कामयाबी के साथ अंजाम दे दिया है और इसी के साथ ही विज्ञान की दुनिया में उस ऐतिहासिक मिशन को कामयाबी के साथ पूरा कर लिया गया है, जिसके बारे में एक वक्त सोचना भी असंभव था। नासा के स्पेसक्राफ्ट ने पहली बार सूरज के कोरोना को छूने में कामयाबी हासिल कर ली है।
खास तरीके से बनाया गया डिवाइस गर्मी से बचाने के लिए उपकरण का निर्माण उन सामग्रियों से किया गया था, जिनमें टंगस्टन, नाइओबियम, मोलिब्डेनम और नीलम जैसे हाई मेल्टिंग पॉइंट मौजूद हैं. पृथ्वी के विपरीत, सूर्य की कोई ठोस सतह नहीं है. लेकिन इसमें अत्यधिक गर्म वातावरण होता है,